सोलह सिंगार किसी के लिए नहीं, मैंने खुद को संवारा है। सोलह सिंगार किसी के लिए नहीं, मैंने खुद को संवारा है।
संस्कृति संस्कार का शौर्य सूर्य चाँद कलाम कमाल।। संस्कृति संस्कार का शौर्य सूर्य चाँद कलाम कमाल।।
मुझे प्रेम चाहिए सिर्फ मुझे प्रेम एक पुरुष से प्रेम चाहिए सिर्फ प्रेम। मुझे प्रेम चाहिए सिर्फ मुझे प्रेम एक पुरुष से प्रेम चाहिए सिर्फ प्रेम।
हम तुम मिले क्षितिज के उस पार जहां प्रेम का ही हो प्रकाश और प्रेम से ही आए हर एक सांस हम तुम मिले क्षितिज के उस पार जहां प्रेम का ही हो प्रकाश और प्रेम से ही आए...
प्रेम का कर व्यापार फैल रहा नित ब्यभिचार, तत्व को जाने बिना ये दो पल के वासना में प्रेम का कर व्यापार फैल रहा नित ब्यभिचार, तत्व को जाने बिना ये दो पल क...
प्रेम ऊगता रहा रिश्तों की बंज़र ज़मीन पर उम्मीदों की फसल सा लहलहाता रहा प्रेम ऊगता रहा रिश्तों की बंज़र ज़मीन पर उम्मीदों की फसल सा लहलहाता रहा